शनिवार, 5 नवंबर 2011

औरंगाबाद में आज की ताज़ा खबर ०५.११.२०११

युवती ने की आत्महत्या का प्रयास

औरंगाबाद :
नवीनगर थाना के रजवरिया कला गांव निवासी सोनी कुमारी ने शुक्रवार को गांव के ही युवक रमेश साव के द्वारा छेड़खानी का प्रयास किए जाने से आहत होकर आत्महत्या करने की प्रयास की। युवती ने सल्फास खा ली। परिजनों ने इलाज के लिए नवीनगर रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया। मामले में सोनी ने रमेश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले में भादसं की धारा 448, 354, 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। घटना के बाद रमेश गांव से फरार हो गया है। प्राथमिकी के अनुसार युवक ने सोनी को घर में अकेली पाकर गुरुवार को छेड़खानी का प्रयास किया। युवती द्वारा शोर मचाने के बाद वह फरार हो गया। दूसरे दिन शुक्रवार को शौच जाने के दौरान युवक ने छेड़खानी का प्रयास किया।

रेलवे आरक्षण काउंटर पर तोड़फोड़

औरंगाबाद :
शहर के समाहरणालय के पास स्थित रेलवे आरक्षण काउंटर पर शनिवार को युवकों ने हंगामा किया। टिकट न मिलने से आक्रोशित युवकों ने उग्र हो काउंटर पर तोड़फोड़ की। युवकों के हंगामा से टिकट काउंटर पर घंटों कार्य बाधित रहा। हंगामा की सूचना पर अतिक्रमण हटा रहे प्रशिक्षु आईएएस चन्द्रशेखर सिंह, नगर थानाध्यक्ष वृजनंदन महतो, सीओ वीरेन्द्र कुमार पहुंचे। अधिकारियों ने किसी तरह हंगामा शांत कराया। हंगामा कर रहा युवक देव निवासी आरके राम, लख डिहरा निवासी चन्दन कुमार, करमा रोड निवासी विकास कुमार, छात्र नेता दीपक कुमार ने कहा कि लाइन में लगे लोगों को टिकट नहीं दी जाती है। काउंटर के अंदर दलाल बैठे रहते हैं और पहले उन्हें टिकट दी जाती है। बुकिंग क्लर्क कभी लिंक फेल होने का बहाना बनाकर तो कभी ट्रेनों में सीट उपलब्ध नहीं होने की बात कह हम लोगों को लौटा देते हैं। तत्काल टिकट तो हम लोगों का मिलना मुश्किल है जबकि यह टिकट दलालों को सहजतापूर्वक मिल जाती है। युवकों की शिकायत पर सहायक समाहर्ता ने बुकिंग क्लर्क को फटकार लगाई और कहा कि आदत में सुधार नहीं लाया गया तो तुम्हारे खिलाफ विभागीय अधिकारी को लिख दूंगा। कहा कि आगे से काउंटर के अंदर दलाल देखे गए तो न सिर्फ बुकिंग क्लर्क के खिलाफ डीआरएम को लिखा जाएगा बल्कि कड़ी कार्रवाई की जाएगी। टिकट लेने वाले युवकों को अपना नंबर देते हुए आगे से किसी भी तरह की समस्या होने पर शिकायत करने की बात कही। युवकों की शिकायत पर सहायक समाहर्ता ने आरक्षण काउंटर के सामने मोबाइल एवं खैनी दुकान में छापेमारी की। हालांकि छापेमारी में कुछ बरामद नहीं हुआ। हंगामा देख दलाल भाग खड़े हुए। उधर बुकिंग क्लर्क सुनील कुमार पाण्डेय ने कहा कि युवक लाइन में खड़े थे तभी लिंक फेल हो गया। लिंक फेल होने के बाद युवक उग्र हो गए और तोड़फोड़ करने लगे।


साक्षर भारत की बैठक में प्रशिक्षण पर चर्चा

औरंगाबाद :
साक्षर भारत अभियान के तहत शनिवार को शहर के कन्या उच्च विद्यालय में सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी की अध्यक्षता में बैठक की गई। केआरपी, कार्यक्रम समन्वयक एवं लेखा समन्वयक शामिल हुए। 20 नवम्बर को किए जाने वाला सर्वेक्षण पर चर्चा हुई। निर्णय लिया गया कि 7 से 10 नवम्बर तक पंचायत स्तर से जिला स्तर के लोक शिक्षा समितियों की बैठक की जाएगी। निरक्षरों की पहचान के लिए 20 नवम्बर को सर्वेक्षण की जाएगी। सर्वेक्षण के लिए 14 नवम्बर को जिला स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित होगा। इसी तरह 16 नवम्बर को प्रखंड एवं 17 एवं 18 नवम्बर को पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण होगा। 15 को एक दिवसीय प्रशिक्षण शहर में की जाएगी। सर्वेक्षण को ले दीवार लेखन, प्रखंड मुख्यालयों एवं विद्यालयों में रैली निकाली जाएगी। रामाकांत प्रसाद, उदय कुमार, शशिधर सिंह, कालिका सिंह, शबना, प्रियंका ओझा, श्वेता सिंह, बेबी कुमारी, राजकुमारी एवं सत्यप्रकाश उपस्थित थे।

गुजर गए डा. गूंजन पर नाम है अंकित

औरंगाबाद :
बेहतर सेवा के लिए प्रख्यात सदर अस्पताल में कुव्यवस्था घर कर गई है। कौन से चिकित्सक डयूटी पर रहेंगे इसकी जानकारी बोर्ड पर अंकित नहीं रहती है। अस्पताल में मरीज इलाज के लिए भटकते रहते हैं। स्थिति यह है कि बोर्ड पर चिकित्सकों का नाम अंकित देख मरीज चक्कर खा जाते हैं। डायग्नोस्टिक सेंटर में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों का बोर्ड लगा है। बोर्ड पर सबसे उपर में डा. शहाबुद्दीन का नाम अंकित है। शहाबुदीन को सेवानिवृत्त हुए एक वर्ष गुजर गए परंतु उनका नाम अब तक बोर्ड से नहीं हटा है। महिला चिकित्सक डा. स्वाति सिंह ने भी अस्पताल छोड़ दिया परंतु नाम अब भी अंकित है। दो माह पहले बीमारी से डा. गूंजन सिन्हा गुजर गए परंतु अस्पताल के लिस्ट से उनका नाम नहीं हटा है। चिकित्सकों की सूची में आज भी डा. गूंजन का नाम देखा जा सकता है। शिशु रोग विशेषज्ञ डा. अनिल सिन्हा, डा. नंद लाल चौधरी, डा. रामनरेन्द्र प्रसाद, डा. विनोद कुमार सिंह, सर्जन डा. महेन्द्र कुमार कब का अस्पताल छोड़ चुके हैं परंतु उनके नाम भी बोर्ड पर अंकित हैं। डा. रवीन्द्र की डयूटी पवई लगाई गई है परंतु उनका नाम भी सदर अस्पताल के बोर्ड से नहीं हटा है। इसके अलावा भी कई ऐसे चिकित्सकों के नाम बोर्ड पर अंकित हैं जो अस्पताल में सेवा नहीं दे रहे हैं। चर्चा है कि सदर अस्पताल में जिन चिकित्सकों का पदस्थापन होता है वे डयूटी करने के भय से या तो छुट्टी पर चले जाते हैं या पैरवी लगा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में अपना तबादला करा लेते हैं। चिकित्सक जितना पैसा लेते हैं उतना सेवा भी नहीं दे पाते। बोर्ड पर गलत चिकित्सकों के नाम अंकित होने से मरीज परेशान रहते हैं। बोर्ड पर नाम देख अब भी लोग डा. शहाबुदीन और डा. गूंजन को खोजते फिरते हैं। अस्पताल में किस चिकित्सक की डयूटी कितने से कितने बजे तक है इसकी जानकारी भी मरीजों को नहीं मिलती है। बताया जाता है कि अस्पताल में पदस्थापित कई चिकित्सक दूसरे जिलों से सेवा देने अस्पताल में दो या तीन दिन आते हैं जबकि नियमानुसार उन्हें प्रतिदिन डयूटी देनी होती है। पूछे जाने पर सिविल सर्जन डा. परशुराम भारती ने बताया कि कुछ कारणों से नाम नहीं हटा है। नया बोर्ड बनाने के लिए आर्डर दिया गया है। पुराने जगहों पर नया बोर्ड लगाए जाएंगे। जो चिकित्सक अस्पताल में उपस्थित रहेंगे उनके नाम ही उस बोर्ड पर अंकित होंगे।

प्रखंड शिक्षक नियोजन में धांधली

गोह (औरंगाबाद):
वर्ष 2008 में प्रखंड शिक्षक नियोजन में धांधली किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। डड़वां निवासी अभ्यर्थी रामनिवास शर्मा, बक्सर के कंजय कुमार, इब्राहिमपुर के राजेन्द्र यादव, पेमा के रामाशीष सिंह समेत 11 शिक्षक अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आवेदन देकर जांच की मांग की है। अभ्यर्थियों ने बताया कि 32 विभिन्न कोटि के प्रशिक्षित तथा 6 अप्रशिक्षित उर्दू कोटि में नियोजन किया गया है। सभी प्रशिक्षित अभ्यर्थियों का नियोजन जाली प्रमाण पत्र पर हुआ है। मेधा सूची को नजरअंदाज किया गया है। नियोजन में अभ्यर्थियों ने वीर बहादुर विश्वविद्यालय जौनपुर एवं उदयप्रताप सिंह कालेज वाराणसी के प्रशिक्षण प्रमाण पत्र को लगाया है। प्रमाण पत्र की जांच कराई गई तो जाली पाया गया है। प्रशिक्षित विकलांग शिक्षक का गलत विकलांगता प्रमाण पत्र दिया गया है। गया के सिविल सर्जन द्वारा प्रमाण पत्र निर्गत नहीं करने की बात कही गई है। बीडीओ एवं बीईओ ने नियोजन प्रक्रिया 22 जुलाई 2011 को बंद कर दी है फिर भी 25 जुलाई को नियोजन पत्र निर्गत किया गया है। बीईओ सुहद रंजन ओझा ने बताया कि नियोजन प्रक्रिया नियमानुसार निर्गत किया गया है।

शहर से पशु चोर गिरफ्तार

औरंगाबाद :
शहर के यमुना नगर से शुक्रवार रात्रि पुलिस ने चोरी की बछिया के साथ चोर बबलू पासवान को गिरफ्तार किया है। थानाध्यक्ष वृजनंदन महतो ने बताया कि बबलू अपने पड़ोसी रामबचन भगत का बछिया चुराकर भाग रहा था कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। पुलिस ने मामले में कांड संख्या 407/11 दर्ज किया है। थानाध्यक्ष ने बताया कि इस मामले में 24 घंटे के अंदर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा। कांड के अनुसंधानकर्ता प्रशिक्षु दारोगा शकुंतला बनी है।

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