शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

औरंगाबाद में आज की खबर २१.१०.२०११

आत्मदाह करने का प्रयास करते दो गिरफ्तार

रफीगंज (औरंगाबाद):
प्रखंड कार्यालय परिसर में शुक्रवार को अब्दुलपुर गांव निवासी शंकर रजक एवं उसकी पत्नी गीता देवी को आत्मदाह का प्रयास करते बीडीओ विजयंत कुमार ने गिरफ्तार कर लिया। बीडीओ ने बताया कि दोनों जमीन को लेकर आत्मदाह का प्रयास कर रहे थे। शंकर ने बताया कि तीन वर्षो से मेरे जमीन पर कन्हाई मेहता ने कब्जा जमा रखा है। कई बार न्याय की गुहार लगाई परंतु न्याय नहीं मिला। थक हारकर मैंने परिवार समेत आत्मदाह करने का निर्णय लिया। आत्मदाह की सूचना डीएम, एसडीओ एवं संबंधित अधिकारियों को दी थी। जैसे ही मैं पत्नी के साथ आत्मदाह का प्रयास किया बीडीओ ने हमें गिरफ्तार कर लिया। शंकर ने कहा कि अगर हमें जमीन मामले में न्याय नहीं मिलेगा तो हम पत्नी गीता देवी, परिवार रामगति राम, अछिया देवी, रामकली देवी के साथ आत्मदाह करेंगे। बीडीओ ने बताया कि उकसावे में आकर शंकर अपने परिवार के साथ आत्मदाह कर रहा था।

 
चाक सी घूम रही दीपक बनाने वालों की जिंदगी

दाउदनगर (औरंगाबाद):
दीपावली सर पर है और बाजार से मिट्टी के दीये गायब हैं। बाजार में चाइनीज मोमबतियों की रोशनी दिखने लगी है। दीया बनाना और उसे खरीद कर जलाना दोनों महंगा हो गया है इसलिए लोग तेल-घी की बाती जलाने की अपेक्षा रेडिमेड चाईनीज दिए जलाने को आकर्षित हो रहे हैं। दीयों की अपनी खूबसूरती है। उसका अपना महत्व है लेकिन महंगाई के इस दौर में इससे किसी को फर्क नहीं पड़ता। महंगाई की वजह से कई परिवारों ने इस पुश्तैनी धंधा को त्यागना बेहतर समझा। हालांकि कृष्णा प्रजापति ने मिट्टी के काम के साथ खेतों की जुताई से उपज कर अपने दो बेटों को डाक्टर और इंजीनियर बनाने में सफल रहे। वे अब इस धंधा को छोड़ दिया है। मोहन प्रजापति खेती और अन्य कार्यो में व्यस्त हो गए हैं जबकि गोपालजी बैंकिंग कंपनी का अभिकर्ता बन गए हैं। दीनानाथ प्रजापति ने बताया कि मार्केट में दीया कम उपलब्ध होगा क्योंकि दीया बनाने का कार्य कम हो गया है। इस धंधे से अब पेट चलना संभव नहीं रहा। मिट्टी न मिलने में परेशानी हो रही है। सरकार अगर जमीनें बंदोबस्त कर दे तो बात बन सकती है। कहा कि खुद दीया बनाने का काम छोड़कर राजमिस्त्री और सेंट्रींग का धंधा कर रहे हैं। दूसरी तरफ लोगों का कहना है कि एक दिया जलाने में एक रुपए से दो रुपए तक खर्च आता है। 50 पैसा में एक दीया मिल रहा है उसमें तेल और बाती अलग से। इसलिए लोग रेडिमेड की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।


24 घंटे की भूख हड़ताल पर भाकपा नेता

औरंगाबाद
लोकसभा के शीतकालीन सत्र में मजबूत जनलोकपाल विधेयक लाने, विदेशों में जमा काला धन को वापस लाने एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर शुक्रवार को भाकपा नेता 24 घंटे के भूख हड़ताल पर बैठे हैं। भाकपा नेताओं की भुख हड़ताल सुबह दस बजे प्रारंभ हुई। भूख हड़ताल पर बैठे जिला मंत्री का. रामचन्द्र यादव, इरफान अहमद, अर्जुन कुमार सिंह, अवधेश गिरी, जयपाल मेहता, कर्मु पासवान, राजूनंदन यादव, रामदीप यादव, रामाशीष राजवंशी, नागेश्वर प्रसाद यादव, सुरेश प्रसाद यादव, सरयू राम, भिखन साव, उदय यादव, रामसेवक पासवान, महेन्द्र पासवान एवं कृष्णा पासवान ने कहा कि केन्द्र सरकार देशवासियों को बरगला रही है। जनलोकपाल बिल के नाम पर ड्रामा कर रही है। विदेशों में काला धन वापस लाने की मांग करते हुए भाकपा नेताओं ने कहा कि जिनके पैसा जमा है उनकी सूची केन्द्र सरकार सार्वजनिक करे। नेताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चुप बैठे हैं। घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि लगता है इस सरकार में घोटाला रिकार्ड कायम करेगी।

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