शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

शेर की तरह दहाड़ते सो गए संतन


विद्या सागर/ गणेश प्रसाद 
औरंगाबाद 
गरीबों की सेवा में जीवन समर्पित करने वाले बड़ेम गांव निवासी संतन सिंह शेर की तरह दहाड़ते सो गए। नक्सलियों ने उन्हें गांव से गुरुवार रात्रि अगवा किया था। अकेले होने के बावजूद नक्सलियों का उन्होंने विरोध किया। आगे जाने से इंकार कर दिया तो नक्सलियों ने गुस्से में उन्हें गोली मार दी। ग्रामीणों की माने तो नक्सलियों ने सात आठ चक्र गोली चलाई है। 1977 से 2001 तक नवीनगर प्रखंड का उपप्रमुख रहे संतन इलाके के चर्चित व्यक्ति थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वे करीबी रहे हैं। समता पार्टी के स्थापना काल में वे औरंगाबाद जिला के अध्यक्ष थे। उन्होंने 1980 में नवीनगर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा। कम मतों के अंतर से चुनाव हार गए। 1984 में जनता पार्टी एवं 1995 में समता पार्टी के टिकट पर नवीनगर से चुनाव लड़ा। नक्सलियों के सामने कभी घुटना नहीं टेके। नक्सलियों की चुनौती को हमेशा स्वीकार किया। इलाके में प्रख्यात रहने के कारण गरीबों की सेवा में लगे रहे। संघर्षशील होने के कारण सभी वर्गो का समर्थन इन्हें हमेशा मिला। ग्रामीणों की माने तो गांव के धर्मेन्द्र साव को वे मानते थे। धर्मेन्द्र के घर सतइसा था और वह संतन सिंह को घर से बुलाकर अपने घर लाया। इसी बीच नक्सलियों ने उन्हें अगवा कर लिया। जिस समय नक्सलियों ने अगवा किया था अगर उस समय ग्रामीण विरोध करते तो हत्या की यह वारदात नहीं होती। घटनास्थल से दो बाइक बरामद होना यह बताने के लिए काफी है कि नक्सली वाहन पर सवार होकर बड़ेम गांव पहुंचे थे। बारुण, नवीनगर पथ पर बड़ेम गांव स्थित थे। भतीजा लव कुमार सिंह कंकेर पंचायत के मुखिया हैं। हत्या की खबर सुन गांव पहुंचे पूर्व विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू ने कहा 'वर्चस्व कायम करने के लिए नक्सलियों ने लोकप्रिय संतन चा की हत्या की है।' धोखे से नक्सलियों ने उन्हें मारा अन्यथा वे नक्सलियों के झांसा में नहीं आते। पूर्व विधायक की माने तो संतन की हत्या से इलाके में नक्सली पैठ बढ़ेगी। विरोध करने की कोई हिम्मत नहीं जुटाएगा। हत्या के लिए उन्होंने पुलिस को जिम्मेवार बताया। कहा कि घटना के दिन भी बडे़म गांव के ग्रामीण नक्सली गतिविधि की जानकारी देने एसपी के जनता दरबार में पहुंचे थे परंतु आवेदन पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं किया। हत्या के बाद पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे और पीड़ित परिजनों का सिर्फ आंसू पोंछी। हत्या के बाद से बड़ेम गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। पत्नी शीला देवी, मुखिया लव कुमार सिंह, भतीजा संजीव कुमार सिंह एवं परिजन सिर्फ रो रहे हैं। ग्रामीणों की रुलाई से जो भी गांव पहुंचा रो पड़ा। हत्या की खबर सुन शुक्रवार सुबह पांच हजार की भीड़ जमा हो गई। अधिकांश ग्रामीण रो रहे थे। कई ग्रामीणों ने तो रोते हुए कहा 'अब यह इलाका सुना हो गया।'

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