सोमवार, 24 अक्तूबर 2011

आज की खबर २४.१०.२०११

धनतेरस पर खरीदारी को भीड़ उमड़ी

औरंगाबाद: 
महंगाई का असर सोमवार को बाजारों में नहीं दिखा। धनतेरस पर सोना एवं चांदी के सिक्के की खूब बिकवाली हुई। सुबह से दुकानों पर भीड़ रही। महंगाई का असर यह रहा कि पिछले वर्ष पुराना विक्टोरिया सिक्का 570 रुपए में मिल रहा था जो इस वर्ष 1140 रुपए बिका। लक्ष्मी एवं गणेश की मूर्ति वाले चांदी के सिक्के का बाजार में कीमत एक हजार से 1080 रुपए रही। गया ज्वेलर्स के अर्जुन वर्मा, दीनदयाल वर्मा एवं पंकज वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष 10 ग्राम के सोने का सिक्का 20500 रुपए में बिका था जिसकी कीमत इस वर्ष 27500 रुपए रही। यानि की सोना में सात हजार रुपए का उछाल रहा। ग्राहकों की पहली पसंद चांदी व सोना का सिक्का रहा। पंकज ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने का बना विक्टोरिया सिक्का का डिमांड अधिक रहा। खोजने से भी यह सिक्का बाजार में नहीं मिल रहा था। सांचा में ढाला गया यही सिक्का 1000 रुपए में बिका। बर्तन दुकान में खरीदारी को पूरे दिन भीड़ लगी रही। महंगाई के कारण ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचे लोगों ने चम्मच, कटोरा व थाली की खरीदारी की। दुकानदारों ने बर्तन दुकान को सजा रखा था। ओबरा, गोह, हसपुरा, रफीगंज, मदनपुर, देव, अम्बा, नवीनगर एवं बारुण संवाददाता के अनुसार धनतेरस पर बाजार में खरीदारी को भीड़ रही। गांव से पहुंचे ग्रामीणों ने चांदी का सिक्का एवं बर्तन की खरीदारी की। किसान मायूस दिखे। महंगाई के कारण वे कोई विशेष खरीदारी नहीं कर सके।



कृषि मेला से लाभ उठाएं किसान : डीएम

औरंगाबाद :
शहर के गेट स्कूल मैदान में लगे दो दिवसीय कृषि सह यांत्रीकरण मेला का निरीक्षण सोमवार को डीएम अभय कुमार सिंह ने किया। किसानों से कहा कि मेला का मुख्य उद्देश्य किसानों को खेती में लागत कम और उत्पादन अधिक बताना है। मेले में किसानों को अनुदानित दर पर कृषि यंत्र के अलावा ट्रैक्टर, पावर टीलर, खाद, बीज व अन्य खेती के सामान दिया गया। बेरोजगारों को कृषि से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि खेती कर बेरोजगार आत्मनिर्भर होंगे। निरीक्षण के दौरान किसानों से बात की और किसी भी समस्या पर सीधे संपर्क करने की बात कही। डीएम ने कहा कि किसानों के सहयोग से ही हरित क्रांति आएगी। डीएओ शिलाजीत सिंह ने बताया कि सैकड़ों किसानों को जीरो टिलेज अनुदानित दर पर दिया गया है। किसानों ने कृषि यंत्र की खरीदारी की है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तरीके से खेती होगी तभी किसानों को लाभ होगा। मजदूरी कम लगेगी और समय की बचत होगी। किसानों को खेती में नई तकनीक डेवलप करने की बात कही। जिप अध्यक्ष रंजू देवी, आत्मा निदेशक इंदू शेखर प्रसाद सिंह, सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी वीरेन्द्र शुक्ल, जिला पार्षद मंजरी देवी, सभी बीएओ उपस्थित रहे।



धूमधाम से मनी धन्वंतरी जयंती

ओबरा (औरंगाबाद) :
आयुर्वेद सेवा संस्थान परिसर में सोमवार को पूर्व मुखिया योगेश्वर प्रसाद की अध्यक्षता में धन्वंतरी जयंती धूमधाम से मनाई गई। उद्घाटन पैक्स अध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार ने किया। संचालन पंडित कमल किशोर पाण्डेय ने की। योगेश्वर प्रसाद की अध्यक्षता में संपन्न कार्यक्रम में डा. रवीन्द्र नाथ टैगोर, डा. उपेन्द्र प्रसाद वर्मा, रामचन्द्र प्रसाद जायसवाल, पूर्व मुखिया शंभू प्रसाद, संतोष चन्द्रवंशी, पप्पू अग्रवाल, बीडी तिवारी, अलख निरंजन मौजूद रहे। सभी ने धन्वंतरी पर प्रकाश डाला। कहा कि समुद्र मंथन के दौरान धन्वंतरी का अवतार हुआ था। आज वे औषधीय क्षेत्र में विख्यात हैं। सभी ने आयोजक वैध सुरेन्द्र प्रसाद गुप्ता को धन्यवाद दिया। स्वागत सुरेन्द्र प्रसाद ने किया।



सफाई को ले युवा कांग्रेस की जागरूकता रैली

औरंगाबाद:
शहर में सफाई को ले युवा कांग्रेस नेताओं ने रविवार को जागरूकता रैली निकाली। धर्मशाला मोड़ से निकली रैली मुख्य बाजार होते हुए रमेश चौक पहुंची। नेतृत्व युवा कांग्रेस के लोकसभा अध्यक्ष आनंद शंकर, मीडिया प्रभारी मो. शहनवाज उर्फ सल्लू, राजू सिंह, मुन्ना कुमार सिंह, पंकज कुमार सिंह, जितेन्द्र कुमार, सुधीर मालाकार, जयशंकर प्रसाद, मो. राशीद कर रहे थे। सभी ने शहरवासियों से सफाई में सहयोग करने का आह्वान किया। कहा कि शहर आपका है इसे साफ रखें। नगर परिषद एवं जिला प्रशासन ने शहर के सफाई की विशेष व्यवस्था की है। यह व्यवस्था तभी सफल होगा जब हम सभी मिलकर सहयोग करेंगे। दुकानदारों से युवा कांग्रेस नेताओं ने चिन्हित जगह पर कूड़ेदान में कूड़ा फेंकने का आह्वान किया।



कर्म, धर्म और ईमान हो सेवा

दाउदनगर (औरंगाबाद) : 
विवेकानंद मिशन स्कूल में सोमवार को भारत स्काउट एंड गाइड की नई टीम का गठन किया गया। स्काउट एंड गाइड में चयनित बच्चों को स्कार्प प्रदान किया गया। इनके लिए आयोजित दीक्षा समारोह में जिला संगठन आयुक्त श्रीनिवास शर्मा ने कहा कि कर्म, धर्म और ईमान ही सच्ची सेवा है। विश्व की सर्वाधिक बड़े संस्थान में आज आप शामिल हो रहे हैं। ईश्वर के प्रति कर्तव्य करने, दूसरों की सेवा करने और स्वयं के प्रति कर्तव्य करना ही मनुष्य का काम है। संस्था निदेशक डा. शंभू शरण सिंह ने कहा कि विश्व मानवता की सेवा करने, अपनी जिम्मेवारियां निभाने, आत्मविश्वास के साथ सच्चा नागरिक बनने का आपने जो संकल्प लिया उससे देश और समाज को बड़ा योगदान बच्चे दे सकेंगे। सर्वधर्म सभा में इन बच्चों से अपनी एक बुरी आदत का परित्याग करने का दान मांगा गया। इससे पहले सात दिन तक बच्चों को कैंप लगाकर स्काउट एंड गाइड का प्रशिक्षण दिया गया। जिला प्रशिक्षक रविशंकर त्रिगुणायत, राष्ट्रपति सम्मान प्राप्त स्काउट संतोष, प्राचार्य ओपी पाण्डेय, सुरेन्द्र सिंह, कुमार ब्रजेश एवं अन्य शामिल रहे। बच्चों को बताया गया कि जब एक बार स्काउट एंड गाइड की सदस्यता प्राप्त कर लेता है तो वह जीवन पर्यन्त स्काउट एंड गाइड ही रहता है।



बिकने को तैयार हो रहे लक्ष्मी प्रतिमाएं

दाउदनगर (औरंगाबाद) :
 दीपावली के मद्देनजर लक्ष्मी की प्रतिमाएं बिकने को तैयार हैं। मूर्तिकार निरंतर कठिन परिश्रम कर प्रतिमाओं को फाइनल टच देने में व्यस्त हैं। छोटे से लेकर बड़ी मूर्तियां बन रही है लेकिन मूर्तिकारों को हाड़तोड़ मेहनत के बावजूद जीवन यापन लायक पारिश्रमिक से आय प्राप्त नहीं होता। भरत मूर्तिकार 35 सेट लक्ष्मी प्रतिमाएं बना रहे हैं। पूरा परिवार व्यस्त है। चार सौ रुपए से लेकर पांच हजार रुपए की लक्ष्मी प्रतिमा का निर्माण हुआ है। सबसे बड़ी और महंगी प्रतिमा अंकोढ़ा के लिए बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि पांच सौ रुपए ट्रैक्टर मिट्टी लेना पड़ रहा है। दिन भर छह महीने काम करते हैं तो लक्ष्मी पूजा, सरस्वती पूजा, सूर्य पूजा और दुर्गा पूजा में प्रतिमाएं बेच पाते हैं। इससे भोजन चलना भी मुश्किल है। आमदनी का पता नहीं चलता। पढ़ाई और बीमारी के लिए कर्ज लेना पड़ता है। कहा कि मूर्तिकारी का कार्य कर खपड़ा का घर फूस का हो सकता है लेकिन पक्का मकान नहीं बन सकता। पांच सात साल पहले स्थिति कुछ हद तक ठीक थी। महंगाई के अनुपात में मूर्तियों के दाम नहीं बढ़ रहे। लोगों को प्रतिमा चाहिए। उसके सौन्दर्य से कोई मतलब नहीं है। 1980 में 100 और 110 रुपए में दुर्गा प्रतिमाएं बिकती थी। अब चार हजार से 15000 रुपए में दुर्गा प्रतिमाएं बिकती है लेकिन बचत उतनी नहीं होती। मूर्तिकारों को अगर सरकार राहत दे तो बात बने अन्यथा संघर्ष की एक मात्र विकल्प है.

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